UPSC 2019 का सम्पूर्ण SYLLABUS हिंदी में
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पाठ्यक्रम
प्रारंभिक तथा मुख्य परीक्षा की रूपरेखा तथा पाठ्य विवरण
प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्य विवरण
परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्न-पत्र होंगे जिसमें प्रत्येक प्रश्न-पत्र 200 अंकों का होगा।
टिप्पणी
1. दोनों ही प्रश्न-पत्र वस्तुपरक (बहु-विकल्पी) होंगे।
2. सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पेपर-II अर्हक होगा जिसके लिए न्यूनतम अर्हक अंक 33 निर्धारित किए गए हैं।
3. प्रश्न-पत्र हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होंगे।
4. प्रत्येक प्रश्न-पत्र दो घंटे की अवधि का होगा तथापि, दृष्टिकोण और चलने में असमर्थ और प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात से पीड़ित उम्मीदवार जिनकी असमर्थता उनकी कार्य निष्पादन क्षमता (लेखन) (न्यूनतम 40% तक अक्षमता) को प्रभावित करती है, को सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा और सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा, दोनों में प्रति घंटा बीस मिनट का प्रतिकर समय दिया जाएगा।
प्रश्न-पत्र-I
अवधि: दो घंटे अंक: 200
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएं।
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- भारत एवं विश्व भूगोल-भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक, भूगोल
- भारतीय राजतंत्र और शासन-संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे आदि।
- आर्थिक और सामाजिक विकास-सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि।
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है।
- सामान्य विज्ञान
प्रश्न-पत्र-II
अवधि: दो घंटे अंक: 200
- बोधगम्यता
- संचार कौशल सहित अंतर्वैयक्तिक कौशल
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक योग्यता
- आधारभूत संख्यायन, संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि (10वीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकडे़ की पर्याप्तता आदि स्तर 10वीं कक्षा)।
- अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल (दसवीं कक्षा का स्तर)
टिप्पणी-1: दसवीं कक्षा स्तर की अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल (प्रश्न-पत्र-प्प् के पाठ्यक्रम में अंतिम मद) से संबद्ध प्रश्नों का परीक्षण, प्रश्न-पत्र में केवल अंग्रेजी भाषा के उद्धरणों के माध्यम से, हिंदी अनुवाद उपलब्ध कराए बिना किया जाएगा।
टिप्पणी-2: प्रश्न बहुविकल्पीय, वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।
टिप्पणी-1: मूल्यांकन के प्रयोजन से उम्मीदवार के लिए यह अनिवार्य है कि सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के दोनों पेपरों में सम्मिलित हों। यदि कोई उम्मीदवार सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के दोनों पेपरों में सम्मिलित नहीं होता है तब उसे अयोग्य ठहराया जाएगा।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा योजना
मुख्य परीक्षा में निम्नलिखित प्रश्न-पत्र शामिल होंगे
अर्हक प्रश्न-पत्र
पेपर-A
• (संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं में से उम्मीदवारों द्वारा चुनी गई कोई एक भारतीय भाषा)
पेपर-B (अंग्रेजी) | 300 अंक |
वरीयता क्रम के लिए जिन प्रश्न-पत्रों को आधार बनाया जाएगा
पेपर-I (निबंध) | 250 अंक |
पेपर-II (सामान्य अध्ययन-I) | 250 अंक |
• ( भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
पेपर-III (सामान्य अध्ययन-II) | 250 अंक |
• शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
पेपर-IV (सामान्य अध्ययन-III) | 250 अंक |
• प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
पेपर-V (सामान्य अध्ययन-IV) | 250 अंक |
• (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
पेपर-VI (वैकल्पिक विषय-प्रश्न-पत्र-I) | 250 अंक |
पेपर-VII (वैकल्पिक विषय-प्रश्न-पत्र-II) | 250 अंक |
उप योग (लिखित परीक्षा) | 1750 अंक |
व्यक्तित्व परीक्षण | 275 अंक |
कुल योग | 2025 अंक |
अभ्यर्थी वैकल्पिक विषयों में किसी एक का चयन कर सकते हैं।
1. कृषि विज्ञान | 2. पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान |
3. नृविज्ञान | 4. वनस्पति विज्ञान |
5. रसायन विज्ञान | 6. सिविल इंजीनियरी |
7. वाणिज्य शास्त्र तथा लेखा विधि | 8. अर्थशास्त्र |
9. विद्युत इंजीनियरी | 10. भूगोल |
11. भू-विज्ञान | 12. इतिहास |
13. विधि | 14. प्रबंधन |
15. गणित | 16. यांत्रिक इंजीनियरी |
17. चिकित्सा विज्ञान | 18. दर्शन शास्त्र |
19. भौतिकी | 20. राजनीति विज्ञान तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध |
21. मनोविज्ञान | 22. लोक प्रशासन |
23. समाजशास्त्र | 24. सांख्यिकी |
25. प्राणि विज्ञान | |
26. निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक भाषा का इतिहास: असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू और अंग्रेजी। |
टिप्पणी
1. भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के प्रश्न-पत्र (प्रश्न-पत्र क एवं प्रश्न-पत्र ख) मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर के होंगे, जिनमें केवल अर्हता प्राप्त करनी होगी। इन प्रश्न-पत्रों में प्राप्त अंकों को योग्यता-क्रम निर्धारित करने में नहीं गिना जाएगा।
2. सभी उम्मीदवारों के ‘निबंध’, ‘सामान्य अध्ययन’ तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्न-पत्रों का मूल्यांकन ‘भारतीय भाषा’ तथा अंग्रेजी के उनके अर्हक प्रश्न-पत्र के साथ ही किया जाएगा परंतु, ‘निबंध’, ‘सामान्य अध्ययन’ तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्न-पत्रों पर केवल ऐसे उम्मीदवारों के मामले में विचार किया जाएगा, जो इन अर्हक प्रश्न-पत्रों में 25% अंक तथा अंग्रेजी में 25% अंक प्राप्त करते हैं।
3. तथापि भारतीय भाषाओं का प्रथम प्रश्न-पत्र उन उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य नहीं होगा जो अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड तथा सिक्किम राज्य के हैं।
4. उम्मीदवारों द्वारा केवल प्रश्न-पत्र-I-VII में प्राप्त अंकों का परिगणन मैरिट स्थान सूची के लिए किया जाएगा। तथापि, आयोग को परीक्षा के किसी भी अथवा सभी प्रश्न-पत्रों में अर्हता अंक निर्धारित करने का विशेषाधिकार होगा।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (पाठ्यक्रम)
पेपर-I (निबंध) 250 अंक
उम्मीदवार के चुनाव के माध्यम या भाषा में लिखे जाने के लिए-उम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा, विषयों के विकल्प दिए जाएंगे। उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें, प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिए श्रेय दिया जाएगा।
पेपर-II (सामान्य अध्ययन-I) 250 अंक
भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
भारतीय विरासत और संस्कृति
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
आधुनिक भारत का इतिहास
- 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास-महत्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय
- स्वतंत्रता संग्राम-इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन
विश्व का इतिहास
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएं; तथा
- औद्योगिक क्रांति;
- विश्व युद्ध;
- राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद;
- उपनिवेशवाद की समाप्ति;
- राजनीतिक दर्शनशास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
सामाजिक पहलू
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता;
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन;
- जनसंख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे;
- गरीबी और विकासात्मक विषय;
- शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय;
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव:
- सामाजिक सशक्तीकरण, • सम्प्रदायवाद,
- क्षेत्रवाद, • धर्म-निरपेक्षता,
विश्व भूगोल
- विश्व के भौतिक-भूगोल की मुख्य विशेषताएं
- विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए);
- विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं, भूगोलीय विशेषताएं और उनके स्थान-अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणि जगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
पेपर-III (सामान्य अध्ययन-II) 250 अंक
शासन व्यवस्था, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारतीय राजव्यवस्था
- ऐतिहासिक आधार/विकास
- विशेषताएं
- संशोधन
- महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां
- स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण
- विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना
- संसद और राज्य विधायिका
- संरचना;
- कार्य और कार्य-संचालन;
- शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
- संरचना, संगठन और कार्य
- कार्यपालिका;
- और न्यायपालिका;
- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग;
- प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
- जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय
- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में से विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय
सामाजिक न्याय
- विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग
- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका;
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं;
- इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन;
- इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि संस्थान एवं निकाय।
- सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय
- स्वास्थ्य;
- शिक्षा;
- मानव संसाधनों से संबंधित।
- गरीबी और भूख से संबंधित विषय
शासन
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता, जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस-अनुप्रयोग, माॅडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- भारत एवं इसके पड़ोसी-संबंध
- द्विपक्षीय संबंध (गैर-पड़ोसी राज्यों से);
- क्षेत्रीय और वैश्विक समूह;
- भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार;
- भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव;
- आप्रवासी भारतीय;
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच, उनकी संरचना, अधिदेश
पेपर-IV (सामान्य अध्ययन-III) 250 अंक
प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
आर्थिक विकास
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा
- योजना; • संसाधनों को जुटाने;
- प्रगति; • विकास;
- रोजगार से संबंधित विषय।
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय
- सरकारी बजट
- मुख्य फसलें-देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न;
- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली-कृषि उत्पाद का भंडारण;
- परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं;
- किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी;
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता; तथा
- न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय;
- जन-वितरण प्रणाली-उद्देश्य, कार्य, सीमांए, सुधार;
- बफर स्टाॅक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन;
- पशुपालन संबंधी अर्थशास्त्र।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग-कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन
- भारत में भूमि सुधार
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव;
- औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
- बुनियादी ढांचा
- ऊर्जा; • बंदरगाह;
- सड़क; • विमानपत्तन;
- रेलवे आदि।
42. निवेश माॅडल
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास; नई प्रौद्योगिकी का विकास
- विविध विषयों के संबंध में जागरूकता
- सूचना प्रौद्योगिकी; • अंतरिक्ष;
- कम्प्यूटर; • रोबोटिक्स;
- नैनो-टेक्नोलाॅजी; • बायो-टेक्नोलाॅजी;
- बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से संबंधित।
जैव-विविधता और पर्यावरण
- संरक्षण
- पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण
- पर्यावरण प्रभाव का आकलन
आपदा प्रबंधन
- आपदा और आपदा प्रबंधन
सुरक्षा
- विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध
- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले विदेशी स्टेट एवं नाॅन स्टेट एक्टर
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती
- आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका;
- साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें;
- धन-शोधन और इसे रोकना;
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन-संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश
पेपर-V (सामान्य अध्ययन-IV) 250 अंक
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: नीतिशास्त्र का सार तत्व
- इसके निर्धारक तत्व, मानवीय क्रियाकलापों में इथिक्स के परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम
- निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र
- मानवीय मूल्य
- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा
- मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका
- अभिवृत्ति: सारांश (कंटेंट), अभिवृत्ति: संरचना
- अभिवृत्ति: वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध
- नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि
- सामाजिक प्रभाव और धारण
- सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य
- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव
- कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना
- भावनात्मक समझ: भावनात्मक समझ: अवधारणाएं, प्रशासन और शासन व्यवस्था में भावनात्मक समझ, उपयोग और प्रयोग
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान
- लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएं; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं तथा दुविधाएं
- नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा
- शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण
- अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे
- काॅरपोरेट शासन व्यवस्था
- शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार
- सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार,
- नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता
- नागरिक घोेषणा-पत्र
- कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता
- लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां
- भ्रष्टाचार: सामान्य
- लोकपाल और लोकायुक्त
- वांछनीय भ्रष्टाचार
- काला धन
- केस स्टडी