UPSC DAILY CURRENT IN HINDI 13-10-2018
निम्नलिखित में से किन्हें रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में निदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया है?
- अरविंद राजू
- सचिन चतुर्वेदी
- रेवथी अय्यर
- वी. संपत
नीचे दिये गए कूटों की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये:
A) | केवल 1 और 2 |
B) | केवल 1 और 3 |
C) | केवल 2 और 3 |
D) | केवल 2 और 4 |
उत्तर : (c)
व्याख्या :
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इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू 2018 में भारत की तरफ से निम्नलिखित में से कौन-सा पोत भाग लेगा?
A) | आईएनएस सह्याद्रि |
B) | आईएनएस राणा |
C) | आईएनएस कलवरी |
D) | आईएनएस अरिहंत |
उत्तर : (b)
व्याख्या :
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पर्यावरणीय प्रवाह के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- हाल ही में केंद्र सरकार ने यमुना नदी के लिये न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह को अधिसूचित किया है।
- पर्यावरणीय प्रवाह वास्तव में वह स्वीकार्य प्रवाह है जो किसी नदी को अपेक्षित पर्यावरणीय स्थिति अथवा पूर्व निर्धारित स्थिति में बनाए रखने के लिये आवश्यक होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A) | केवल 1 |
B) | केवल 2 |
C) | 1 और 2 दोनों |
D) | न तो 1 और न ही 2 |
उत्तर : (b)
व्याख्या :
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राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- NCVET केवल दीर्घकालीन व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के काम में लगे निकायों के कामकाज को नियमित करेगी।
- NCVET व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों का प्रत्यक्ष नियमन करेगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A) | केवल 1 |
B) | केवल 2 |
C) | 1 और 2 दोनों |
D) | न तो 1 और न ही 2 |
उत्तर : (d)
व्याख्या :
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हाल ही में IPCC द्वारा जारी की गई एक विशेष रिपोर्ट के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- IPCC की इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्सर्जन को कम करके 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को पूरी तरह से प्राप्त करना असंभव हो गया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, तटीय राष्ट्रों और एशिया तथा अफ्रीका की कृषि अर्थव्यवस्था सबसे ज़्यादा प्रभावित होगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A) | केवल 1 |
B) | केवल 2 |
C) | 1 और 2 दोनों |
D) | न तो 1 और न ही 2 |
उत्तर : (c)
व्याख्या :
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चौथी औद्योगिक क्रांति के केंद्र की शुरुआत
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3 : प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैवविविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन। (खंड-11 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव) (खंड-13 : सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता) |
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी औद्योगिक क्रांति के लिये विश्व आर्थिक मंच (WEF) के केंद्र की शुरुआत के अवसर पर कहा कि ‘उद्योग 4.0’ में मानव जीवन के वर्तमान और भविष्य को बदलने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा कि सैन फ्रांसिस्को, टोकियो और पेइचिंग के बाद दुनिया में यह चौथा केंद्र है, जिसकी शुरुआत होने से भविष्य में अपार संभावनाओं के दरवाज़े खुलेंगे।
प्रमुख बिंदु
- कृत्रिम बौद्धिकता, मशीन-लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और बिग डाटा जैसे उभरते क्षेत्र भारत को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं तथा नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
- यह भारत के लिये न सिर्फ एक औद्योगिक परिवर्तन है बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी है। ‘उद्योग 4.0’ में भारत में अपरिवर्तनीय रचनात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। इससे भारत में कामों में आवश्यक तेज़ी आएगी और काम-काज बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी।
- डिजिटल इंडिया अभियान ने डेटा को भारत के गाँवों तक पहुँचाया है। निकट भविष्य में संचार-सघनता, इंटरनेट कवरेज और मोबाइल इंटरनेट सुविधा लेने वालों की तादाद बहुत बढ़ने की संभावना है।
- दूरसंचार के क्षेत्र में 93% की वृद्धि हुई है और लगभग 50 करोड़ भारतीयों के पास अब मोबाइल फोन हैं।
- विश्व में सबसे अधिक मोबाइल डेटा खपत भारत में होती है और भारत एक ऐसा देश है जहाँ डेटा सबसे कम कीमत पर उपलब्ध है। इस संदर्भ में भारत की डिजिटल अवसंरचना और आधार, यूपीआई, ई-नाम तथा जीईएम सहित उसके इंटरफेस की प्रमुख भूमिका रही है।
- ऑप्टिक फाइबर के साथ सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। 2014 में केवल 59 ग्राम पंचायतें ऑप्टिक फाइबर से जुड़ी थी, जबकि वर्तमान में यह संख्या 1 लाख से अधिक पहुँच गई है|
- कृत्रिम बौद्धिकता में अनुसंधान के लिये कुछ महीने पूर्व एक मज़बूत अवसंरचना बनाने के लिये राष्ट्रीय रणनीति तैयार की गई है। नए केंद्र से इस प्रक्रिया को बल मिलेगा।
- उद्योग 4.0’ और कृत्रिम बौद्धिकता के विस्तार से स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सुधार होगा और स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम होगा। इससे किसानों को मदद मिलेगी और यह कृषि क्षेत्र के लिये काफी सहायक होगा।
- यातायात और स्मार्ट मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में यह केंद्र अहम भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में कार्य में होने वाली प्रगति के मद्देनज़र ‘भारत के लिये समाधान, विश्व के लिये समाधान’ हमारा लक्ष्य है।
- स्किल इंडिया मिशन, स्टार्टअप इंडिया और अटल नवाचार अभियान जैसी सरकार की पहलें युवाओं को नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिये तैयार कर रही हैं।
चतुर्थ औद्योगिक क्रांति या उद्योग 4.0
- पहली औद्योगिक क्रांति जल व भाप की शक्ति से हुई थी। दूसरी विद्युत ऊर्जा से, तीसरी क्रांति वर्तमान में चल रही इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रोद्योगिकी जनित है।
- चौथी औद्योगिक क्रांति में आइटी व विनिर्माण सेक्टर को मिलाकर कार्य किया जाएगा। अमेरिका और जर्मनी ने 2010 के बाद इस पर कार्य शुरू किया।
- ‘उद्योग 4.0’ विश्व आर्थिक फोरम की 2016 में आयोजित वार्षिक बैठक की थीम थी, जिसके बाद चतुर्थ औद्योगिक क्रांति का विचार तेज़ी से प्रसिद्ध होता गया।
- ‘उद्योग 4.0’ विश्वभऱ में एक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है और इसे अगली औद्योगिक क्रांति कहा जा रहा है। यह मुख्यत: इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), बाधा रहित इंटरनेट कनेक्टिविटी, तीव्र गति वाली संचार तकनीकियों और 3डी प्रिंटिंग जैसे अनुप्रयोगों पर आधारित है, जिसके अंतर्गत अधिक डिजिटलीकरण तथा उत्पादों, वैल्यू चेन, व्यापार मॉडल को एक-दूसरे से अधिकाधिक जोड़ने की परिकल्पना की गई है।
21% भारतीय बच्चे हैं कम वज़न वाले: ग्लोबल हंगर इंडेक्स
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र–2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध। (खंड-13 : स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय) (खंड-14 : गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय) |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी किये गए ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2018 के अनुसार, पाँच वर्ष से कम आयु के पाँच भारतीय बच्चों में से कम-से-कम एक बहुत अधिक कमज़ोर है, इसका मतलब है कि उनकी लंबाई के अनुपात में उनका वज़न अत्यंत कम है, जो कि अल्पपोषण की विकट स्थिति को दर्शाता है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत को इस सूचकांक में 119 देशों में से 103वाँ स्थान दिया गया है तथा देश में भुखमरी के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष भारत की रैंकिंग में तीन स्थान की गिरावट आई है।
- भारत ने तुलनात्मक रूप से संदर्भ वर्षों में तीन संकेतकों में सुधार किया है। जनसंख्या में अल्पपोषित लोगों का प्रतिशत वर्ष 2000 के 18.2% से घटकर वर्ष 2018 में 14.8% हो गया है।
- इसी अवधि में बाल मृत्यु दर 9.2% से घटकर लगभग आधी अर्थात् 4.3% हो गई है, जबकि बच्चों में बौनापन 54.2% से घटकर 38.4% हो गया।
- हालाँकि, बच्चों में आयु के अनुपात में कम वज़न का जनसंख्या में प्रसार वास्तव में पिछले संदर्भ वर्षों की तुलना में बदतर हो चुका है। वर्ष 2000 में यह 17.1% था जो कि बढ़कर वर्ष 2005 में 20% तक हो गया और वर्ष 2018 में यह 21% है।
- दक्षिण सूडान में बच्चों में आयु के अनुपात में कम वज़न का जनसंख्या में प्रसार 28% है जो कि विश्व में सर्वाधिक है।
- संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं के मुताबिक, दक्षिण एशिया में बच्चों में आयु के अनुपात में कम वज़न की दर उच्च है, जो ‘संकटपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ का निर्माण करती है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 0 से 5 महीने तक के शिशुओं के लिये आयु के अनुपात में कम वज़न की दर सबसे अधिक है। साथ ही रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि जन्म संबंधी आँकड़ों और स्तनपान पर ध्यान दिया जाना महत्त्वपूर्ण है।
- इसके अलावा, दक्षिण एशिया क्षेत्र में बच्चों में कम वज़न का संबंध मातृ बॉडी मास इंडेक्स (BMI) से है, जो गर्भावस्था के दौरान माँ की पोषण संबंधी स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता का सुझाव देता है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में पारिवारिक संपत्ति की तुलना में मातृ BMI और बेहतर जल एवं स्वच्छता तक पहुँच बच्चे में आयु के अनुपात में कम वज़न की दरों से अधिक निकटता से जुड़ी हुई है, जो यह बताती है कि अकेले गरीबी में कमी समस्या के समाधान के लिये पर्याप्त नहीं हो सकती है।
- दक्षिण एशिया में बच्चों में कम वज़न की समस्या को जो कारक कम कर सकते हैं उनमें गैर-प्रमुख खाद्य पदार्थों की खपत, स्वच्छता तक पहुँच, महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षित जल तक पहुँच, लिंग समानता और राष्ट्रीय खाद्य उपलब्धता में वृद्धि शामिल हैं।
- पिछले दो दशकों में सुधार के बावजूद वैश्विक तौर पर अभी भी भुखमरी का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह सूचकांक इस बात का अनुमान व्यक्त करता है कि प्रगति की वर्तमान दर पर विश्व के 50 देश वर्ष 2030 तक भुखमरी की ‘निम्न’ श्रेणी तक पहुँचने में असफल रहेंगे।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य 2 को खतरे में डालता है, जिसका उद्देश्य 2030 तक भुखमरी को समाप्त करना है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स नामक यह रिपोर्ट वेल्टहंगरहिल्फ़ और कंसर्न वर्ल्डवाइड द्वारा सालाना तौर पर जारी किया जाने वाला एक संयुक्त-समीक्षा प्रकाशन है जो वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर भुखमरी को व्यापक रूप से मापने और उसकी पहचान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। (इस वर्ष तक इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट भी इसके प्रकाशन में शामिल था।)
- रिपोर्ट में भुखमरी के स्तर की गणना करने के लिये चार मुख्य संकेतकों का उपयोग किया जाता है। पहला संकेतक अल्पपोषण है, जो कि जनसंख्या के उस हिस्से को इंगित करता है जो अल्पपोषित है और अपर्याप्त कैलोरी उपभोग को दर्शाता है।
- अन्य तीन संकेतक पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिये निम्नलिखित आँकड़ों का उपयोग करते हैं: बच्चे में कमज़ोरी (ऊँचाई के अनुपात में कम वजन); बच्चे में बौनापन (उम्र के अनुपात में कम ऊँचाई) और बाल मृत्यु।
- जीएचआई का उद्देश्य दुनिया भर में भुखमरी को कम करने के लिये कार्रवाई को शुरू करना है।
- भुखमरी से लड़ने में प्रगति और असफलताओं का आकलन करने के लिये प्रत्येक वर्ष जीएचआई स्कोर की गणना की जाती है।